एकंतरि पु वि॰ [सं॰ एकान्तर] एक के अंतरवाला । एक व्यवधानवाला । उ॰—बाँणी सुरग सोधि करि आँखौ आँणो नौ रँग धागा । चंद सुर एकंतरि कीया सीवत बहु दिन लागा ।—कबीर ग्रं॰, पृ॰ १६० ।