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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

ऊर्द्ध्वचरण संज्ञा पुं॰ [सं॰ ]

१. एक प्रकार के तपस्वी जो सर क े बल खडे़ होकर तप करते हैं ।

२. शरभ नामक सिंह जिसके आठ पैरों में से चार पैर ऊपर को होते थे ।