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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

ऊरधरेता पु वि॰ [सं॰ ऊर्ध्वरेतस्] दे॰ 'ऊर्ध्वरेता' । उ॰—अरू समुझाये योग ही बहु भाँति बहु अंग । ऊपधरेता ही कही जीतन विंद अनंग । —भक्ति॰, पृ॰ ५७ ।