ऊती संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ ऊति] रक्षा करना । उ॰—अवतारी अवतार धरन अरु जितक विभूती । इह सब आश्रय के अधार जग जिहिं की ऊती । —नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ ४४ ।