ऊतम पु वि॰ [सं॰ उत्तम] दे॰ 'उत्तम' । उ॰—नहिं को ऊतम नाहीं को हीना । सभ मैं एक जोति प्रभु कीना । —प्राण॰, (शब्द॰) ।