ऊढ़ना पु क्रि॰ अ॰ [सं॰ ऊह=संदेह पर विचार] १. तर्क करना । चोच विचार करना । अनुमान बाँधन । उ॰—मृगमद नाहिन मृगन मैं ऊढत हैं दिन राति । तिल तरूनि के चिबुक में सोई मृगमद भाति ।—मुबारख (शब्द॰) ।