ऊछजना क्रि॰ स॰ [हिं॰ उ+छजना] ऊपर की ओर करना । उठना । उ॰—छोह घणै ऊछज छरा, केहर फाड़ै डाच ।— बांकी॰ ग्रं॰, भा॰१. पृ॰ ११ ।