उरे †पु क्रि॰ वि॰ [वै॰ सं॰ अवार=निकट, इधर, सं॰ अवर] १. परे । आगे । दूर । ३. इधर । निकट उ॰—(क) श्री जगन्नाथराय जी तें उरे कोस बीस कोस पर एक ग्राम है । दौसौबावन॰, भा॰२, पृ॰ १३ (ख) घरतें चलिकै दिल्ली के उरे को चल्यो ।—दो सौ बावन, भा॰१, पृ॰ १९५ ।