उप्पर पु † वि॰ [सं॰ उपर अथवा उपरि] दे॰ 'ऊपर' । उ॰—दक्षिण उरु उप्परय प्रथम बांमहि पग आनय ।—सुंदर॰ ग्रं॰, भा॰१, पृ॰ ४२ ।