उपश्रुति
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनउपश्रुति संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. सुनना ।
२. श्रवण सीमा जहाँ तक सुना जा सके ।
३. स्वीकृती ।
४. रात में सुनी जानीवाली दिव्य वाणी जिसे देवता द्वारा भविष्यकथन करना कहा जाता है ।
५. भविष्यकथन ।
६. प्रतिज्ञा । वाग्दान ।
७. अफवाह । लोकचर्चा । जनरव ।
८. अंतर्भाव ।
९. एक देवी का नाम [को॰] ।