प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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उपवास संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. भोजन का छूटना । फाका । जैसे, आज इन्हें तीन उपवास हुए । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।

२. वह व्रत जिसमे भोजन छोड़ दीया जाता है ।

३. वे नीच जाती के लोग जिनकी गाँव के मामलों में विशेष अधिकार न हो । वि॰ दे॰ 'ग्रामिक' ।

४. समीप रहना (को॰) ।

५. यज्ञाग्नि जलाना (को॰) । यज्ञकुंड़ (को॰) ।