प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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उपनागरिका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] अलंकार में वृत्ति अनुप्रास का एक भेद जिसमें कान को मधुर लगनेवाले वर्ण आते हैं । इसमें ट ठ ड ढ को छोड 'क' से लेकर म तक सब वर्ण, तथा अनुसार रहित अक्षर रह सकते हैं । समास इसमें या तो न हों और हों भी तो छोटे छोटे । जैसे,—कंजन, खंजन, गंजन है अलि अंजन हूँ मन रंजनहारे ।—(शब्द॰) ।