प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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उद्वर्तन संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. किसी वस्तु को शरीर में लगाने की क्रिया । व्यवहार । अभ्यंग । जैसे—तेल लगाना, चंदन लगाना, उबटन लगाना ।

२. उबटन ।

३. उद्दंडता । उजड्डपन (को॰) ।

४. ऐश्वर्य अभ्युदय (को॰) ।

५. तार खींचने का काम । तारकशी (को॰) ।

६. चूर्ण करना । पीसना (को॰) ।