उद्धरण
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनउद्धरण संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ उद्धरणीय, उद्धृत]
१. ऊपर उठना ।
२. मुक्त होने की क्रिया । छुटकारा ।
३. बुरी अवस्था से अच्छी अवस्था में आना ।
४. पढ़े हुए पिछले पाठ का अभ्यास के लिये फिर फिर पढ़ना ।
५. किसी पुस्तक या लेख के किसी अंश को दूसरी पुस्तक या लेख में ज्यों का त्यों रखना । क्रि॰ प्र॰— करना ।—होना ।
६. उन्मूलन । उखाड़ना ।
७. उठाना । उत्थापन ।
८. परोसना ।
९. वमन ।
१०. निकालना । भीतर से बाहर करना (को॰) ।
११. वमन किया हुआ पदार्थ (को॰) ।