प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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उदर संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. पेट । जठर । मुहा॰— उदर जिलाना = पेट पालना । पेट भरना । खाना । उ॰— माँगत बार बार शेष ग्वालन को पाऊँ । आप लियो कछु जानि भक्ष करि उदर जियाऊँ । —सूर (शब्द॰) । उदर भरना = पेट भरना । खाना । उ॰— भिक्षावृति उदर नित भरै, निसिदिन हरि हरि सुमिरन करै । —सूर (शब्द॰) । यौ॰ —जलोदर । बृकोदर ।

२. किसी वस्तु के बीच का भाग । मध्य । पेटा । जैसे, यवोदर ।

३. भीतर का भाग । अंतर । जैसे— पृथ्वी के उदय में अग्नि है ।

४. विभिन्न विकारों के कारण पेट का फूलना (को॰) ।