उदपान संज्ञा पुं॰ [सं॰ ] १. कूँएँ के समीप का गड्ढा । कूल । खाता । २. कमंडलु । उ॰— मुद्रा स्त्रवन कंठ जपमाला, कर उदपान काँध धबछाला । —जायसी ग्रं॰, पृ॰ ५३ । ३. तालाब के आसपास की भूमी या टीला ।