प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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उतावला वि॰ [प्रा॰ उत्तावल+आ (प्रत्य॰)] [स्त्री॰ उतावली]

१. जल्दी मचानेवाला । जिसे जल्दी हो । जल्दबाज । चंचल । उ॰—(क) पानी हू ते पातला धूँआँ हू ते झीन, पवनहुँ वेग उतावला दोस्त कबीरा कीन ।—कबिर (शब्द॰) । अरे मन, तू उतावला न हो, धीरज धर, तेरे हित की अनसूया पूछ रही है । —शकुतंला, पृ॰ २० । ८ व्यग्र । घबराया हुआ । उत्सुक । उ॰ —क्या जाने उतावला होकर जी बहलाने के लिये उसने बाजे में कुंजी दे रखी हो । —अयोध्या (शब्द॰) ।