उतारी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनउतारी ^१ संज्ञा पुं॰ [हि॰ उतरना]
१. डेरा ड़ालने या टिकाने का कार्य । उ॰—बाग ही में पथिक उतारी होत आयो है । दूलह (शब्द॰) ।
२. उतरने का स्थान । पड़ाव । उ॰—गरजत क्रोध लोभ कौ नारी, सूझत कहुँ न उतारौ । —सूर॰ १ । २०९ ।
३. नदी पार करने की क्रिया । यौ॰— उतारे का झोपड़ा = सराय । धर्मशाला ।