उतराई संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ उतरना] १. ऊपर से नीचे आने की क्रिया । २. नदी के पार आने का महसूल या मजूरी । उ॰— कहेउ कृपाल लेहि उतराई, केवट चरन गई अकुलाई ।— मानस २ । १०२ । ३. नाव आदि पर से उतरने का स्थान । ४. नीचे की ओर ढलती हुई जमीन । उतार । ढाल ।