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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

उचाट संज्ञा पुं॰ [सं॰ उच्चाट]

१. मन का न लगना । विरक्ति । उदासीनता । अनमनापन । उ॰—(क) न जाने क्यों आजकल चित्र उचाट रहता है । (क) सुर स्वारथी मलीन मन, कीन्ह कुमंत्र कुठाटु । रचि प्रपंच माया प्रबल, भय, भ्रम, अरति उचाटु । । —मानस, २ । २९४ । (ख) प्रथम कुमति करि कपट सकेला । सो उचाट सब के सिर मेला ।—तुलसी (शब्द॰) । (ग) मोहन लला को सुन्यो चलत बिदेस भयो मोहनी को चारु चित्र निपट उचाट में ।—मतिराम (शब्द॰) ।