हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

उगार पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰]

१. दे॰ 'उगाल' ।

२. धीरे धीरे निचुड़कर इकट्ठा हुआ पानी ।

३. निचोड़ा हुआ पानी ।

४. कपड़ा रँगने पर बचा हुआ रंग जो फेक दिया जाता है ।

५. मुख में चबाई हुई वस्तु । उ॰—सो ताही समै श्री गुसाई जी आप अपनो चर्वित उगार हरिजी को दिए ।—दो सौ बावन॰, भा॰ १, पृ॰ १५० ।