प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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उक्थ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. भिन्न भिन्न देवताओं के वैदिक स्तोत्र ।

२. यज्ञ में वह दिन जब उक्थ का पाठ होता है ।

३. प्राण ।

४. ऋषभक नाम की अष्टवर्गीय ओषधि ।