उकताना क्रि॰ अ॰ [सं॰ अवकुलन पू॰ हिं॰ अकुताना] १. ऊबना । उ॰—रोज पूड़ी़ खाते खाते जी उकता गया । (शब्द॰) । २. घबड़ाना । आकुल होना । जल्दी मचाना । उतावली करना । उ॰—उकताते क्यों हो; ठहरो, थोड़ी देर में चलते हैं । संयो॰ क्रि॰.—उठना । जाना । पड़ना ।