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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

उंपत पु क्रि॰ अ॰ दे॰ 'ओपना' । उ॰—चालुक चातुर बिर बर । जिन उंपत मुदव मुदव पानि । ।—पृ॰ रा॰, ५ ।३० ।