उंदरी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ उन्दुऱ] चुहिया । उ॰—स्यंघ बैठा पान कतरै, घूँस गिलौरा लावे । उंदरी बपुरी मंगल गावै कछू एक आनंद सुलावै । ।—कबीर ग्रं॰, पृ॰ ९२ ।