प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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इत्र संज्ञा पुं॰ [अ॰]

१. अतर । पुष्पसार । इतर । उ॰—न दी बु एक ने ऐ गुलबदन तेरे पीसनों की, हजारों इत्र खिंचकर तबल ए अत्तार में आए । कविता कौ॰, भा॰४, पृ॰ ३७७ ।

२. सुंगध । खुशबु ।

३. सार । सत्त ।