इकेला पु वि॰ [हिं॰] दे॰ 'अकेला' ।उ॰—देहरी बैठी मेहरी रौवे द्वारे लौ संग माइ । मरहट लगि लब लोग कुटूंब मिलि हंस इकेला जाइ । कबीर ग्रं॰,पृ॰ २८५ ।