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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

इंद्रासन संज्ञा पुं॰ [सं॰ इन्द्रासन]

१. इंद्र का सिंहासन । इंद्रपद ।

२. राजसिंहासन । उ॰—माँझ ऊँच इंद्रासन साजा । गंध्रबसेन बैठ तहँ राजा । जायसी ग्रं॰, पृ॰ १८ ।

३. पिंगल में ठगण के पहले भेद की संज्ञा, जिसमें पाँच मात्राएँ इस क्रम से होती हैं—एक लघु और दो गुरु, जैसे,—'पुजारी' ।