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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

इंद्रजाल संज्ञा पुं॰ [सं॰ इन्द्रजाल]

१. मायाकर्म । जादूगरी । तिलस्म । उ॰—सो नर इंद्रजाल नहिं भूला ।—मानस, ३ । ३३ । विशेष—यह तंत्र का भी अंग है ।

२. एक प्रकार का रणचातुर्य ।

३. अर्जुन का एक शस्त्र (को॰) ।