प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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इंगल पु, इंगला पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ इडा] हठयोग के अनुसार इडा नाम की एक नाड़ी । उ॰— तीर चलै जो इंगल माँही । उत्तिम संमत जो चलि जाहीं ।—सं॰ दरिया, पृ॰ २७ । (ख) इंगला पिंगला नाता कर ले सुषमन के घर मेला । —रामानंद॰ पृ॰ ३६ । (ग) इंगला पिंगला सुखमन नारी । शून्य सहज में बसहिं॰ मुरारी ।—सूर (शब्द॰) । विशेष—यह नाडी़ बाईं ओर होती है । इसका काम बाइँ नाक के नथने से श्वास निकालना और बाहर करना है । यह शब्द इस नाड़ी के साथ की ही दूसरी नाड़ी "पिंगला' की समध्वन्यात्मकता पर बना है । इस नाड़ी को 'चंद्र नाड़ी' कहते हैं । हठयोग के स्वरोदय में इसका विवरण है ।