हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

आहाव संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. ललकार । युद्ध के लिये आह्वान ।

२. अग्नि ।

३. युद्ध ।

४. कूएँ के पास बनी हुई पानी की वह टंकी जिसमें पशु पक्षी आकर पानी पीते हैं । [को॰] ।