प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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आहर ^१— पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ अहः] समय । काल । दिन । उ॰—कित तप कीन्ह छोंड़ि कै राजू । आहर गयो न भा सिध काजू । जायसी (शब्द॰) ।

आहर ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ आहरण] युद्ध । लड़ाई ।

आहर ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ आहाव] [अल्पा॰ आहरा] बह हौज तो पोखरे से छोटा है, पर तलैया और मारु से बड़ा हो ।

आहर ^४ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. स्वीकार । ग्रहण । लेना ।

२. बलिप्रदान कृत्य ।

३. वह वायु जो श्वास के रूप में खींची जाती है [को॰] ।