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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

आराम ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] बाग । उपवन । फुलवारी । उ॰—परम रम्य आराम यह जो रामहिं सुख देत ।—तुलसी (शब्द॰) ।

आराम ^२ संज्ञा पुं॰ [फा॰]

१. चैन । सुख । जैसे,— संसार में कौन नहीं आराम चाहता । क्रि॰ प्र॰—करना ।—चाहना ।—देना ।—पहुँचना ।—पाना ।—लेना ।—मिलना ।

२. चंगापन । सेहत । स्वास्थ्य । जैसे,—जब से यह दवा दी गई हैं, तब से कुछ आराम है । क्रि॰ प्र॰—करना ।—चाहना ।—देना ।—पाना ।—होना ।

३. विश्राम । थकावट मिटाना । दम लेना । जैसे,—बहुत चले, जरा आराम तो लेने दो । क्रि॰ प्र॰—करना ।—पाना ।—लेना । यौ॰—आरामगाह । आरामतलब । आरामदान । आरामपाई । मुहा॰—आराम करना=सोना । जैसे, —उन्हें आराम करने दो, बहुत जागे हैं । आराम में होना = सोना । जैसे,—अभी आराम में हैं, इस वक्त जगाना अच्छा नहीं । आराम लेना=विश्राम करना । आराम से=फुरसत में । धीरे धीरे । बेखटके । जैसे,— (क) कोई जल्दी पड़ी है, ठहरो आराम से लिखा जायगा । (ख) इस वक्त रखो, घर पर आराम से बैठकर देखेंगे । आराम से गुजरना=चैन से दिन कटना ।

आराम वि॰ [फा़॰] चंगा । तंदुरुस्त । जैसे, —उस वैध ने उसे बात की बात में आराम कर दिया । क्रि॰ प्र॰— करना । होना ।

आराम पाई । सलपट जुती ।

२. वह लकड़ी का तख्ता जो रेल की पटरियों के नीचे विछाया रहता हे । दे॰ 'स्लीपर' ।

३. हाल जो पहिए पर चढ़ाई जाती है ।