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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

आरजू संज्ञा स्त्री॰ [फा॰] इच्छा । वांछा । जैसे,—(क) मुझे बहुत दिनों से उनके मिलने की आरजू है । (ख) बहुत दिनों के बाद मेरी आरजू पूरी हुई । यौ॰.—आरजूमंद । मुहा॰—आरजू बर आना=इच्छा पूरी होना । आशा पूरना । जैसे,—बहुत दिनों से आशा थी, आज मेरी आरजू बर आई । आरजू मिटाना=इच्छा पूरी करना । जैसे,—तुम भी अपनी आरजू मिटा लो ।

२. अनुनय । विनय । विनती ।