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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

आयतन संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. मकान । धर संदिर ।

२. विश्रामस्थान । ठहरने को जगह ।

३. देवताओं की बंदना की जगह । यौ॰— रामपंचायतन=जानकी सहित राम, लक्षमण, भरत ओर शत्रुघ्न की मूर्ति ।

४. ज्ञान के संचार का स्थान । वे स्थान जिनमें किसी काल तक ज्ञान की स्थिति रहती है; जैसे,—इंद्रियाँ और उनके विषय । विशेष—बौद्दमतानुसार उनके १२ आयतन है—(१) चक्षवाचतन, (२) ओत्रायतन, (३) घ्राणयतन, (४) जिह्वायतन, (५) कायायतन, (६) मनसायतन॰ (७) रुपायतन, (८) शब्दायतन, (९) गंधयतन, (१०) रसनायतन, (११) औचव्यायतन और (१२) घर्मायतन ।