आमर्ष संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. क्रोध । कोप । गुस्सा । उ॰—आमर्ष को जगानेवाली शिख नई दे । —साम॰ पृ॰ ५७ । २. असहन- शीलता । ३. रस में एक संचारी भाव । दूसरे का अहंकार न सहकर उसको नष्ट करने की इच्छा