आपस्तम्ब
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनआपस्तंब संज्ञा पुं॰ [सं॰ आपस्तम्ब] [ वि॰ आपस्तंबीय]
१. एक ऋषि जो कृष्ण यजुर्वेद की एक शाखा के प्रवर्तक थे । यह शाखा उन्हीं के नाम से प्रसिद्ध है ।
२. आपस्तंब शाखा के कल्प सूत्रकार जिनके बनाए तीन सूत्र ग्रंथ है, कल्प, गृह और धर्म ।
३. एक स्मृतिकार जिनकी स्मृति उनके नाम से प्रसिद्ध है ।