प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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आनाकानी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰अनाकर्णन]

१. सुनी अनसुनी करने का कार्य । न ध्यान देने का कार्य । उ॰— आनाकानी आरसी निहारिनो करौगे कौ लौ ? —इतिहास, पृ॰ ३४१ ।

२. टाल- मटूल । हीला हवाला । जैसे, —माल तो ले आए, अब, रुपया देने में आनाकानी क्यों करते हो? क्रि॰ प्र॰—करना ।—देना ।

३. कानाफूसी । धीमी बातचित । इशारों की बात । उ॰— आनाकानी कठ हँसी मुहाचाही होन सगी देखि दसा कहत बिदेह बिलखाय कै ।—तुलसी (शब्द॰) ।