विशेषण

  1. अनुकरणीय, श्रेष्ठ

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

आदर्श संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. दर्पण । शीशा । आईना ।

२. वह जिससे ग्रंथ का अभिप्राय झलक जाय । टीका । व्याख्या ।

३. वह जिसके रूप और गुण आदि का अनुकरण किया जाय । नमूना । जैसे,—उसका चरित्र हम लोगों के लिये आदर्श है । यौ॰—आदर्शमंडल । आदर्शमंदिर । आदर्शरूप ।