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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

आचरित ^१ वि॰ [सं॰]

१. किया हुआ । अनुष्ठान किया हुआ ।

२. नित्य का । रोजमर्रा का । नियमित [को॰] ।

३. व्यवहृत, जैसे—स्थान [को॰] ।

आचरित ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. धर्मशास्त्र के अनुसार ऋणी से धन लेने के पाँच प्रकार के उपायों में से एक । ऋणी के स्त्री, पुत्र, पशु आदि को लेकर या उसके द्वार पर धरना देकर ऋण को चुका लेना ।

२. चरित्र । व्यवहार [को॰] ।