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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

आखत पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ अक्षत, प्रा॰ अक्खत]

१. अक्षत । उ॰—सेवा सुमिरन सूजिबो पात आखत थोरे ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ ४५७ ।

२. चंदन या केसर में रँगा हुआ चावल यो मूर्ति के मस्तक पर स्थापना के समय और दूल्हा दुलहिन के माथेपर विवाह के समय लगाया जाता है ।

३. वह अन्न जो गृहस्थ लोग नेगी परजों को विवाहादि अवसरों पर किसी विशेष कृत्य के उपलक्ष में देते हैं ।