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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

असूया संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] [वि॰ असूयक]

१. पराए गुण में दोष लगाना । उ॰—सदा सत्यमय सत्यब्रत सत्य एक पति इष्ट । बिगत असूया सील सै ज्यों अनसूया सृष्ट ।—स॰ सप्तक, पृ॰ ३६९ ।

२. रस के अंतर्गत एक संचारी भाव ।

३. क्रोध [को॰] ।