असुर

प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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असुर संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. दैत्य । राक्षस ।

२. रात्रि ।

३. नीच वृत्ति का पुरूष ।

४. पृथिवी ।

५. सूर्य ।

६. बादल ।

७. राहु ।

८. वैद्यक शास्त्र करे अनुसार एक प्रकार का उन्माद । विशेष इसमें पसीना नहीं होता और रोगी ब्राह्मण, गुरु, देवता आदि परक दोषारोपण किया करता है, उन्हे भल बुरा कहने से नहीं डरता, किसी वस्तु से उसकी तृप्ति नहीं होती और वह कुमार्ग में प्रवृत्त होता है । ९—समुद्री लवण ।

१०. देवदार ।

११. हाथी [को॰] ।

१२. एक लड़ाकू जाति [को॰] ।