प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अवकाश संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. स्थान । जगह । उ॰—बिनु विज्ञान कि समता आवै । कोउ अवकाश कि नभ बिनु पावै ।—तुलसी (शब्द॰) ।

२. आकाश । अंतरिक्ष । शून्य स्थान । उ॰— नभ शत कोटि अमित अवकाश ।—तुलसी (शब्द॰) ।

३. दूरी । अंतर । फसिला । क्रि॰ प्र॰— पड़ना ।

४. अवसर । समय । मौका । उ॰—हो जो अवकाश तुम्हें ध्यान कभी आवे मेरा, अहो प्राणप्यारे, तो कठोरता न कीजीए ।— झरना, पृ॰ ४३ ।

५. खाली वक्त । फुर्सत । छुट्टी । उ॰— मरण है अवकाश जीवन कार्य ।—साकेत, पृ॰ १९४ ।

६. जगह । जमीन । विशेष—चाणक्य ने अनवसित संधि प्रकरण में अवकाश शब्द का इसी अर्थ में प्रयोग किया है ।