अलक
हिन्दी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अलक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. मस्तक के इधर उधर लटकते हुए मरोड़दार बाल ।
२. बाल । केश । लट ।
३. छल्लेदार बाल । उ॰— मुकुट कुंडल तिलक अलिब्रात इव, भृकुटि द्विज अधर बर चारु नासा ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ ४९१ ।
२. हरताल ।
३. सफेद आक । श्वेत मदार ।
४. शरीर पर लगाया हुआ केसर । अंग पर लिप्त केसर [को॰] ।
५. पागल कुत्ता । अलर्क [को॰] ।
अलक पु ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ अलक्तक] महावर । आलता ।
अलक पु ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ अलका] अलकापुरी । उ॰—अलक लोक बज्जत विषम ।—पृ॰ रा॰ २ १०१ ।