अरोक
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अरोक ^१ वि॰ [सं॰ अ + हिं॰ रोक] न रुकनेवाला । अबाध्य । उ॰—तीन लोक माहिं देव मुनि थोक माहिं जाय विकम अरोक सोक ओक करि दियो है ।—गोपाल (शब्द॰) ।
अरोक ^२ वि॰ [सं॰]
१. प्रभाहीन । बिना कांतिवाला ।
२. जिसमें छिद्र न हो । अच्छिद्र । यौ॰—अरोकंदत, अरोकदंत्=(१) जिसके दाँत काले या बद- रंग हों । (२) घने या निविड़ दाँतोंवाला ।