हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अरूप ^२ संज्ञा पुं॰

१. बदसूरत वस्तु ।

२. सांख्य में प्रधान औ वेदांत में ब्रह्म [को॰] ।