अराति
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अराति संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. शत्रु । उ॰—कर लिया निश्चित अरिंदम ने निपात अराति का ।—कानन॰ पृ॰ ११२ ।
२. फलित ज्योतिष में कुंड़ली का छठा स्थान ।
३. काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद और मात्सर्य जो मनुष्य को आंतरिक शत्रु है ।
४. छह की संख्या ।