अमोघ
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अमोघ ^१ वि॰ [सं॰]
१. निष्फल न होनेवाला । वृथा न अन्यथा न होनेवाला । अव्यर्थ । अचूक । लक्ष्य पर पहुँचनेवाला । खाली न जानेवाला ।
२. अनिंद्य । अद्वितीय । उ॰—सब सामंत समंध चढ़ि । विच सुंदरी अमोघ ।—पृ॰ रा॰, २५ ।७८० ।
अमोघ ^२ संज्ञा पुं॰
१. व्यर्थ न होने का भाव । अव्यर्थ ।
२. शिव ।
३. विष्णु [को॰] ।