प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अमार ^१ † संज्ञा पुं॰ [फा॰ अंबार]

१. अन्न रखने का घेरा । अरहर के सूखे ड़ंठलों या सरकंड़ों की टट्टी गाड़कर बनाया हुआ घेरा । जिसे ऊपर से छा देते हैं, और जिसमें ऊपर नीचे भुस देकर बीच में अनाज रखते हैं ।

२. राशि । बहुतायत । ढेर । उ॰— जर जेबर का अमार लगा रहता होगा उसके यहाँ ।— नई॰, पृ॰ ३६ ।

अमार ^२ संज्ञा पुं॰ [अ॰] अमरण [को॰] ।

अमार पु ^३ संज्ञा पुं॰ [हिं॰] दे॰ 'अमरी' ।

अमार ^४ पु † सर्व॰ [हि॰; तुल॰ बे॰ अमार, ने॰, हाम्रा; हाम्रो, ] हमारा । मेरे । उ॰— कइबा देवल पुतली । ईसीय छइ प्रभु जी अमारड़ी नार ।— बी॰ रासो, पृ॰ ९० ।